संख्या पद्धति क्या है? | Number System in Maths in Hindi (सरल शब्दों में)

 🔢आज हम एक बहुत ही जरूरी और बेसिक गणितीय टॉपिक – Number System यानी संख्या पद्धति के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह विषय न केवल छात्रों के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी उपयोगी है क्योंकि हम रोज़मर्रा की जिंदगी में अंकों से जुड़े होते हैं।

उदाहरण के लिए:

  • 10, 245, 1001 आदि सब संख्याएँ एक पद्धति से लिखी गई हैं।


📚 संख्या पद्धति के मुख्य प्रकार (Types of Number System)

गणित में मुख्यतः चार प्रकार की संख्या पद्धति होती हैं:


1. 🧮 दशमलव पद्धति (Decimal Number System)

  • इसमें 0 से 9 तक कुल 10 अंक (Digits) होते हैं।

  • यह सबसे आम और रोजमर्रा में उपयोग की जाने वाली संख्या पद्धति है।

  • यह Base 10 पर आधारित होती है।

उदाहरण: 23, 105, 9876


2. 💻 बाइनरी पद्धति (Binary Number System)

  • इसमें केवल 2 अंक होते हैं: 0 और 1

  • यह कंप्यूटर की भाषा होती है।

  • Base 2 पर आधारित होती है।

उदाहरण: 1010, 1101


3. 🧾 आक्टल पद्धति (Octal Number System)

  • इसमें 0 से 7 तक कुल 8 अंक होते हैं।

  • यह Base 8 पर आधारित होती है।

उदाहरण: 145, 237 (ऑक्टल संख्या में)


4. 🔠 हेक्साडेसिमल पद्धति (Hexadecimal Number System)

  • इसमें 0 से 9 तक के अंक और A से F तक के अक्षर उपयोग होते हैं।

  • यानी कुल 16 चिन्ह: 0–9 और A–F

  • Base 16 पर आधारित होती है।

उदाहरण: 1A3, 4F5


🔁 संख्या पद्धतियों के बीच रूपांतरण (Conversion Between Number Systems)

हम एक पद्धति से दूसरी पद्धति में संख्याएँ बदल सकते हैं। जैसे:

  • बाइनरी से दशमलव

  • दशमलव से हेक्साडेसिमल

  • ऑक्टल से बाइनरी, आदि

यह रूपांतरण कंप्यूटर विज्ञान और गणित दोनों में बहुत काम आता है।


📊 संख्या पद्धति की तुलना (Comparison Table)

पद्धति आधार (Base) अंकों की संख्या प्रयोग क्षेत्र
दशमलव (Decimal) 10 0–9 सामान्य जीवन, गणना
बाइनरी (Binary) 2 0,1 कंप्यूटर, डिजिटल डिवाइस
ऑक्टल (Octal) 8 0–7 प्राचीन कंप्यूटिंग सिस्टम
हेक्साडेसिमल 16 0–9, A–F कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसिंग

🎯 संख्या पद्धति क्यों सीखना जरूरी है?

  • कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी को समझने के लिए जरूरी

  • प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे SSC, RRB, Banking) में पूछा जाता है

  • गणितीय समझ को मजबूत करता है


🧠 निष्कर्ष (Conclusion)

संख्या पद्धति गणित और टेक्नोलॉजी की नींव है। अगर आप इसकी मूल बातें समझ जाते हैं, तो गणना से लेकर कंप्यूटर तक की दुनिया आपके लिए आसान हो जाएगी।

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